क्या खूब लिखा है :
"कमा के इतनी दौलत भी मैं
अपनी "माँ" को दे ना पाया,
के जितने सिक्कों से "माँ"
मेरी नज़र उतारा करती थी..."
"कमा के इतनी दौलत भी मैं
अपनी "माँ" को दे ना पाया,
के जितने सिक्कों से "माँ"
मेरी नज़र उतारा करती थी..."
Hindi Best Shayari
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