खुशियों से नाराज़ है मेरी ज़िन्द्दगी October 26, 2010 Leave a Reply खुशियों से नाराज़ है मेरी ज़िन्द्दगी,प्यार का मोहताज है मेरी ज़िन्द्दगी,हंस लेते है दुनिया को दिखाने के लिए,वरना दर्द की एक खुली किताब है मेरी ज़िन्द्दगी. Tweet Share Share Share Share
0 Comments: