तू देख या न देख, तेरे देखने का ग़म नहीं ! तेरा न देखना भी तेरे देखने से कम नहीं !! सामिल नहीं हैं जिसमे तेरी यादे ...... वो जिन्दगी भी किसी जहनुम से कम नहीं !!
पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं ! वो सोचती हैं की हम कभी रोये ही नहीं !! वो पूछती हैं की ख्वाबो में किसे देखते हो ? और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं !!
मांग कर तुझे रव से पाया नहीं हमने ! कौन सा वो ख्वाब हैं जो पलकों में सजाया नहीं हमने ! तुम तो भुलोगी मुझे मालूम हैं ये जाने - जाना ! मगर एक लम्हा भी कभी तुझको भुलाया नहीं हम ने !!