एक दोस्त न मिला गम भुलाने के लिए


काफी है सपने दिल को बहलाने के लिए,
मोहब्बत करलो दिल को दुखाने के लिए,
चाहे भले रखना पड़े गम से वास्ता
एक दोस्त न मिला गम भुलाने के लिए !

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम से रोना आया.



ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम से रोना आया.
ना जाने क्यों आज तेरे नाम से रोना आया,
यु तो हर शाम उम्मीद में गुज़र जाती हैं.
आज कुछ बातें याद आयी तो शाम पे रोना आया.
कभी तक़दीर, कभी मातम,कभी दुनिया का गिला,
मंज़िल-इ-इश्क़ के हर काम पे रोना आया
जब हुआ ज़माने में मोहब्बत का ज़िक्र.
मुझे अपने दिल-इ-नाकाम पे रोना आया

किसी को मेरी मौत से खुशी मिल जाए...तो क्या बात हो




किताबो के पन्नों को पलट के सोचता हूँ,
यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात हो
ख्वाबो में जो रोज़-रोज़ मिलती है
हकीकत में मिल जाए, तो क्या बात हो
मतलब के लिए तो सब ढूँढ़ते हैं मुझको
बिन मतलब के जो पास आये कोई...तो क्या बात हो
कत्ल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात हो
जिंदा रहने तक ख़ुशी दूँगा सबको
किसी को मेरी मौत से खुशी मिल जाए...तो क्या बात हो !