तुझ से जुदा तो
कब का हो गया था
तेरे बिन जीना होगा
ये भी समझ लिया था
हर वो दर्द से रूबरू हुआ
तेरे जुदाई से जो मिला था
हर जख्म हमने सहा
तेरे इश्क में
खाबो का जहा
भी खो दिया था
दिल में कही कोई उम्मीद
फिर भी थी
दुआ में ना जाने क्यू
तेरी फर्याद चली अति थी
कोई उम्मीद ,करम का
इंतजार था
सब कुछ बस
एक सपना ही रहगया
जो न कहा वो एक अधूरी
दास्तान बन के रहगया
अब हर आस टूटी है
खामोस मेरी कहानी
खामोसी से ख़तम हो गयी
सायद यही ज़िंदगानी है
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कब का हो गया था
तेरे बिन जीना होगा
ये भी समझ लिया था
हर वो दर्द से रूबरू हुआ
तेरे जुदाई से जो मिला था
हर जख्म हमने सहा
तेरे इश्क में
खाबो का जहा
भी खो दिया था
दिल में कही कोई उम्मीद
फिर भी थी
दुआ में ना जाने क्यू
तेरी फर्याद चली अति थी
कोई उम्मीद ,करम का
इंतजार था
सब कुछ बस
एक सपना ही रहगया
जो न कहा वो एक अधूरी
दास्तान बन के रहगया
अब हर आस टूटी है
खामोस मेरी कहानी
खामोसी से ख़तम हो गयी
सायद यही ज़िंदगानी है
meri shayari-oneline36 |
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tujhse juda to
kab ka ho gaya tha
tere bin jina hoga
ye bhi samajh liya tha
har wo dard se rubaru hua
tere judai se jo mila tha
har jakhm hamne saha
tere ishq me
khabo ka jaha bhi kho diya tha
dil me kahi koi ummid
fir bhi thi
dua me na jane q
teri faryaad chali aati thi
koi ummid ,karam ka intejar tha
sab kuch bas ek sapna hi reh gaya
jo na kaha wo ek
adhuri dastan banke reh gaya
ab har aas tuti hai
khamosh meri kahani
khamoshi se khatam ho gayee
sayad yahi zindagi hai
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