Dard Shayari, जिन्दगी हैं नादान...

जिन्दगी हैं नादान इस लिए चुप हूँ ....
दर्द ही दर्द हैं सुबह-साम इसलिए चुप हूँ !
कह दूँ ज़माने से दास्ताँन अपनी ....
उसमे आएगी तेरा नाम इस लिए चुप हूँ !!

0 Comments: