Dard Shayari, जिन्दगी हैं नादान... April 07, 2011 Leave a Reply जिन्दगी हैं नादान इस लिए चुप हूँ ....दर्द ही दर्द हैं सुबह-साम इसलिए चुप हूँ !कह दूँ ज़माने से दास्ताँन अपनी ....उसमे आएगी तेरा नाम इस लिए चुप हूँ !! Tweet Share Share Share Share
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