Dard Shayari, रात गुमसुम हैं...

रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं !
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं !!
ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज !
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं !!

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