Dard Shayari, बेनाम सा ये दर्द...

बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता !
जो बीत गया वो गुजर क्यों नहीं जाता !!
वो एक चेहरा तो नहीं सारे जमाने में !
जो दूर हैं वो दिल से उतरा क्यों नहीं जाता !!

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