आग उगलते हैं तेरे शहर के लोग February 05, 2011 Leave a Reply कैसे आऊं तेरे शहर की ओर,आग उगलते हैं तेरे शहर के लोग,मैं तो टूटा एक साक का पत्ता हूँ,फूल तक कुचलते हैं तेरे घर के लोग. Tweet Share Share Share Share
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